Saturday, August 11, 2018

सफर फिर से



खिड़की के पास बैठने का अपना ही मज़ा है। #ट्रेन ने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली है। बाहर से आती हवाएँ मेरा हेयर स्टाइल बिगाड़ते चली जा रही हैं। ट्रेन की आवाज़ कितनी शानदार है और बाहर चारो तरफ अंधेरा है लेकिन बीच बीच मे कई सारे गाँव आते रहते हैं और और उनका हल्का हल्का उजाला कितना सुकून देता है। अभी #लखनऊ पहुचने में काफी समय है खैर मुझे कोई जल्दी भी नही है। गाड़ी अभी एक प्लेटफार्म पे रुकी है बाहर से लोग #चाय गरम #चाय गरम चिल्ला रहे हैं ये देख के मैं #मोदी जी के #चाय वाले दिन को महसूस कर सकता हूँ। चाय पीने का बहुत मन है लेकिन  रेलवे की चाय का मैं भरोसा नही करता शायद आप भी नही करते होंगे। बगल में बैठे एक यात्री से बाते हो रही हैं खैर मज़ा आ रहा है। शुभ रात्रि। 🙏🙏
#मेरी #कलम #से

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