Tuesday, August 14, 2018

बचपन के दिनों का स्वतन्त्रता दिवस


आज #स्वतन्त्रता दिवस है आप सभी को बहुत बहुत #शुभकामनाएं। #स्कूल के दिनों में जब हम बच्चे थे तो आज का दिन हमारे लिए बहुत खास होता था। 15 #अगस्त को मिलने वाले #लड्डू के बारे में सोच कर ही हमारे मुँह में पानी आ जाता था। मन मे इतनी #एक्साइटमेंट होती थी पूछो मत। हमे #नहलाने और #यूनिफार्म पहनाने की पूरी जिम्मेदारी #पापा की होती थी। पापा सुबह 5 बजे उठ कर हमारे #कपड़े प्रेस करते फिर हमें जगाते। मुझे याद है उस समय 15 अगस्त वाले दिन घर से हमें 5 रुपया मिलता था हम बहुत खुश होते थे आज तो #चाट, फुल्की, खट्टा मीठा जी भर के खायेंगे खैर साढ़े चार रुपये ख़र्च करते करते मेरा पेट भर जाता था। उन दिनों हमे #सुबह सुबह 7 बजे बुलाया जाता था क्योंकि उसके बाद प्रभात फेरी निकाली जाती थी। हम पूरा #शहर पैदल ही हाथ मे #तिरंगा लिए #भारत माता की जय का नारा लगाते घूमते चले जाते लेकिन #अनुशासन में। "#अमर रहे" और "#ज़िंदाबाद" में मेरे जैसे छोटे बच्चे कंफ्यूज हो जाते थे कि कहाँ पे किस शब्द का इस्तेमाल करना है। #प्रभात फेरी के बाद बस हम इसी चक्कर मे रहते कि कब लड्डू मिले और हम घर भागे #क्रिकेट खेलने के लिए। खैर हमारे #आचार्य जी लोग कुछ एक दो घण्टा अपने #भाषण से हमे पकाते फिर हमे लाइन में लगा के बारी बारी से बुलाया जाता और दो #लड्डू दिया जाता #लड्डू मिलने के बाद अब कंट्रोल कहाँ होता इसलिये एक लड्डू तो मैं वहीं खा लेता लेकिन हमेशा एक लड्डू बचा के घर ले आता था। अगर एक लाइन में कहा जाए तो #अच्छे #दिन तो वही थे अब उस तरह की एक्साइटमेंट नही आती।।
#मेरी #कलम #से 🙏🙏

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